स्कूल का समय काफी सुनहरा होता है। इस समय को कभी भुला नहीं जा सकता है। लेकिन इसके साथ ही जब स्कूल में ही किसी से प्रेम हो जाए तो उसे पूरी जिंदगी भर नहीं भुला जा सकता है।
जो भी प्रेम स्कूल में होता है वह एक इंसान का पहला प्रेम होता है। ऐसी ही कुछ कहानी हमने हिंदी में लिखा है जो कि स्कूल के प्रेम (school love story) पर आधारित है।
इन स्कूल लव स्टोरी को रियल लाइफ (real school love story) से लिया गया है। इस स्कूल की लव स्टोरी को पढ़ने के बाद आपको अपना भी स्कूल लव स्टोरी (school love story in hindi) याद आ सकता है।
चालिये स्कूल लव स्टोरी को पढ़ते है।
यह कहानी भी पढ़े: बेस्ट 20 प्रेम कहानी हिंदी में
एक अनोखा स्कूल लव स्टोरी
इस स्कूल के प्रेम (school love story) कहानी को याद करने के बाद मेरे दिल हलचल होने लगता है। यह प्रेम कहानी मेरी खुद की कहानी है। चलिए जानते है।
उस समय मै अपने स्कूल में पढ़ता था। मुझे पढ़ाई से काफी लगाव था। वैसे तो मैं पढ़ने में उतना तेज नहीं था लेकिन मुझे और भी पढ़ना था, और पढ़ाई में तेज होना था।
जब मैं नई कक्षा में गया तो मेरी कक्षा में एक लड़की आ गई। वह दखने में मेरी लिए किसी परी से कम नहीं थी। उसको देखते ही मेरा मन तेजी से कापने लगता था।
अब मुझे ज्यादा पढाई भी करना था क्योंकि वह लड़की पढ़ने में काफी तेज थी। इसके लिए मैं काफी मेहनत के साथ पढ़ना चाहता था।
लेकिन मुझे ना जाने क्या होगा था। मुझे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था। सारा दिन और सारी रात मै उसके बारे में सोचा करता था।
उसके बारे में सोच कर मुझे अच्छा भी लगता था, लेकिन जब मै पढ़ाई के बारे में सोचता था तो मुझे बहुत ज्यादा गुस्सा आता था।
मैंने एक बार सोचा कि इसके बारे में मै अपने दोस्तों से कहु लेकिन मेरी हिम्मत नहीं होती थी। इसी सब के चक्कर मै रह गया और मेरी कक्षा का पहला परीक्षा सामने आ गया।
मेरी तैयारी कुछ भी नहीं हुई थी। जब मैं परीक्षा के लिए अपनी कक्षा में गया तो मुझे खुद पर काफी गुस्सा आ रहा था। तभी मै क्या देखता हु कि वह लड़की मेरी ओर आ रही थी।
उसके चेहरे पर मुस्कान थी। वह काफी खुश लग रही थी। यह देख कर मै कुछ देर के लिए अपनी शरीर को हिला भी नहीं पा रहा था। उसको मुस्कराता देखकर मैंने भी मुस्करा दिया।
तब तक वह मेरी पास आकर बोली, कैसे हो? तुम तो अपने कक्षा के टोपर हो। हर टीचर तुम्हारी तारीफ करते है। मै बहुत दिन से तुमसे मिलना चाहती थी लेकिन नहीं मिल पा रही थी।
परीक्षा का तैयारी करना था। तुम तो परीक्षा के लिए तैर ही होंगे? मैंने धीरे से कहा, हां… हां! मै परीक्षा के लिए तैयार हूँ।
इस पर उस लड़की ने कहा, बहुत ही अच्छा। इसके बाद वह आगे अपनी सहेली के पास चली गई। मै बस देखता रह गया।
अब परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र मिला। मुझे उस प्रश्न पत्र में कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। बस मै उस लड़की के बारे में सोच रहा था।
इसी तरह से परीक्षा का आधा समय बीत गया। तभी मुझे एक आवाज सुनने को मिला वह आवाज मेरे पीछे से आ रहा था। जब मै पीछे देखा तो वही लड़की।
अब मै जमीन पर नहीं बल्कि आसमान की सैर कर रहा था। उसने बड़ी ही धीरे से मेरा नाम लेकर कहा, पेपर नहीं देना है क्या?
अभी तक तुमने कुछ भी नहीं लिखा है। इस पर मैं कुछ बोलने वाला ही था तो फिर से वह लड़की बोली, अगर पेपर में कोई सवाल नहीं समझ नहीं आ रहा है तो मुझ गवार की मदद ले सकते हो।
इसके बाद मैंने अपने प्रश्न पत्र को हल करना शुरू कर दिया। मुझे कुछ सवाल समझ नहीं आ रहे थे तो मैंने उस लड़की से पूछ ही दिया।
उसने बड़ी ही समझदारी के साथ उस सवालो का हल बताया जिससे किसी दूसरे को शक भी ना हो।
इसके बाद मेरी कान में एक और आवाज आई। वह आवाज घंटी की थी। यह घंटी परीक्षा के समय का ख़त्म होने पर बज रही थी।
हम दोनों ने अपने हल किये हुए पेपर को जमा किया और कक्षा से बहार आ गए। हम दोनों काफी बात करने लगे।
इसके साथ ही इस समय में हमें लंच भी करना था। हम दोनों ने पहली बार अपनी लंच को बाट कर खाया। अब मै सोच रहा था कि मै सपना देख रहा हूँ या यह सब हकीकत है।
इसलिए मैंने उस लड़की से कहा, तुम थोड़ा मुझे चिकोटी काटो। इस पर उस लड़की ने कहा, क्यों? मैंने कहा, मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि मै एक सपना देख रहा हु या यह सब हकीकत है।
इस पर उस लड़की ने बड़ी तेजी से चिकोटी कटा और कहा क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे। इस पर मैंने भी कह दिया हां। अब हम एक दोस्त बन चुके थे।
रोज हम काफी बाते करते और काफी समय एक साथ बिताते। हमारी परीक्षा भी ख़त्म हो गया और इस बार सबसे ज्यादा परीक्षा में अंक मेरा ही था। इसका सब कारण वह लड़की ही थी।
तो दोस्तों इस तरह से मेरी स्कूल की प्रेम कहानी शुरू हुई थी। मैंने जब तक स्कूल में पढ़ा उसके साथ ही रहा और कभी कोई टीचर भी हमें बुरा नहीं कहते या यह नहीं कहते की तुम दोनों साथ ना रहा करो।
यह इसलिए क्योंकि हम पढ़ने में अच्छे थे और हम दोनों एक लिमिट इतना ही पास थे।
यह प्रेम कहानी भी पढ़े: एक ऐसा भी प्रेम की कहानी
स्कूल का पहला प्रेम school love story in hindi
यह स्कूल की प्रेम (school love story) कहानी एक ऐसे लड़के की है जिसको पढ़ने का मन नहीं करता था। इस लड़के को स्कूल जाने का मन भी नहीं करता था।
उसे स्कूल से काफी नफरत होता है। चलिए इस लड़के के स्कूल की प्रेम कहानी (school love story)को जानते है।
एक दिन काफी घर वालो के दबाव पर वह लड़का स्कूल की ओर चल दिय। उसके मन में काफी गुस्सा उबाल रहा था।
वह सोचता था कि फिर आज मेरे सारे दोस्त मेरा मजाक बनाने वाले है। इसके साथ ही टीचर का भी काफी सुनने को मिलेगा।
यह सब सोचते हुए वह लड़का स्कूल की ओर चल रहा था। वह स्कूल तक पंहुचा। वह देरी से कुछ समय ही आज पहुंच गया था।
इसलिए उसे लेट होने पर डाट ना सुनना पड़ा। वह काफी खुश हुआ। क्योंकि इससे पहले वह जब भी स्कूल आता था तो उसे डाट सुनने को मिलता था।
प्रार्थना के बाद वह अपनी कक्षा में गया। लेकिन उसके कोई भी दोस्त उसका मजाक नहीं उड़ा रहे थे। इसके साथ ही उसे कक्षा का सबसे टोपर लडके के साथ बैठने का मौका मिला। अब वह लड़का ख़ुशी से झूम रहा था।
कक्षा में टीचर तो आए लेकिन किसी भी टीचर ने उस लड़के को डाटा ही नहीं।
जब क्लास का टॉपर लड़का क्लास के टॉपर लड़की के पीछे वाली सीट पर बैठा तो यह लड़का भी वही चला गया। वह दोनों एक दूसरे से काफी बात कर रहे थे और यह लड़का बस चुप-चाप अपने किताब को पढ़ रहा था।
इतने समय में ही वह लड़की इस लड़के से बोली, तुम रोज स्कूल क्यों नहीं आते हो? मुझे देखो मै रोज स्कूल आती हु। इसलिए ही मै पढ़ने में तेज हो गई हु।
इस पर वह लड़का बोला, मै रोज स्कूल आना चाहता हु लेकिन मेरा कोई अच्छा दोस्त नहीं है. जिससे मेरा स्कूल का टाइम पास हो सके।
इसके साथ ही काफी बच्चे मेरा मजाक बनाते है। इसी सब कारण से मै रोज स्कूल नहीं आना चाहता हु।
इस पर वह लड़की बोली, चलो आज से हम दोनों टोपर तुम्हारे दोस्त है। जब भी तुम्हे कुछ भी दिक्कत हो तुम मेरे पास आना।
इसके साथ ही अब से तुम और यह टोपर मेरे पीछे वाली सीट पर बैठा करना। इसके लिए मै अपने क्लास टीचर से बात कर लूगी ।
इसके बाद वह लड़का खुशी से पागल होता जा रहा था। इसका कारण था कि उसे एक लड़की ने रोज स्कूल आने का कहा। इसके साथ ही उसे लकडी के पीछे वाली सीट पर बैठने का मौका मिला है और यह लड़की क्लास की टोपर है।
अगले दिन वह लड़का समय से पहले ही स्कूल पहुंच गया। इसके बाद वह लड़की का इंतजार करने लगा। सभी छात्र और वह लड़की भी आ गई
जब क्लास शुरू हुआ तो यह लड़का लड़की की पीछे सीट पर बैठ गया। अब बस वह पढ़ना चाहता था।
ताकि वह उस लड़की के बराबर हो जाए। इसलिए वह काफी मेहनत से पढ़ने लगा। लेकिन अभी भी उसे काफी सवाल समझ नहीं आते थे इसमें वह लड़की इस लड़के को मदद करती थी।
कुछ ही समय में वह लड़का पढ़ने में काफी तेज हो गया। इसकी इतनी पढाई को देख सभी टीचर और छात्र परेशान थे।
एक दिन उस लड़के के मन में सवाल आया कि मुझे उस लड़की से प्रेम तो नहीं हो गया है। इसके लिए उसने लड़की से कहा, क्या तुम मेरी एक मदद कर सकती हो।
उस लड़की ने कहा क्या मदद करना है? इस पर उस लड़के ने कहा, मुझे परीक्षा में तुम्हारी मदद चाहिए।
इस पर लड़की ने ज़ोर से हसना शुरू कर दि। उस लड़की से कहा, मै तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हु। एक बार वह लड़का एक मार-पिट में फस गया।
सभी लड़के के बोल रहे थे कि इस लड़के ने ही पहले हाथ छोड़ा है। लेकिन इस लड़की ने लड़के को बचा लिया।इसके बाद यह लड़का समझ गया कि इस लड़की को प्रेम हो गया है।
अब लड़के मन में एक और सवाल था कि क्या मै इस लड़की के लायक हु या नहीं? फिर काफी सोचने के बाद यह लड़का समझा की यह लड़की तो टोपर है लेकिन मै नार्मल छात्र हु.
अब क्या था। यह लड़का और मेहनत के साथ पढ़ना शुरू कर दिया। वह कहते है कि प्रेम दीवाना होता है। साल के आखरी में वह लड़का पुरे क्लास का टोपर बन गया।
अब वह काफी खुश था। लेकिन तभी उसके क्लास के काफी छात्र ने एक बड़ी स्कूल का एग्जाम देने का पेपर भर दिया।
कुछ लड़को ने कहा कि अगर तुम वास्तव में एक टोपर हो तो तुम्हे भी उस स्कूल का एंट्रेंस पेपर देना चाहिए। लड़का भी ताव में आ गया और उसने दूसरे स्कूल का पेपर दिया और उस स्कूल में सेलेक्ट भी हो हो गया।
लड़के के घर वालों ने उसका नाम नए स्कूल में लिखवा दिया। अब इस लड़के को इतना भी समय नहीं मिला कि यह लड़का उस लड़की को बता सके। इसके बाद वह लड़का अपने घरवालो और पढ़ाई के आगे झुक गया।
आज भी वह लड़का अपने प्रेम को अपने दिल में बनाये हुए रखा है
0 Comments